मध्य प्रदेश को उत्तर प्रदेश से जोड़ने वाले सिंगरौली-प्रयागराज नेशनल हाईवे बनना है। अब वहां से एक हैरतअंगेज कर देने वाला खेल सामने आ रहा है। दरअसल मध्य प्रदेश के सिंगरौली में मुआवजे का बड़ा खेल सामने आया है। यहां प्रस्तावित सिंगरौली-प्रयागराज हाईवे की खातिर चिह्नित जमीन पर लोगों ने करीब दो हजार घरों का निर्माण करा दिया है। यह पूरा खेल सिर्फ दो महीने में किया गया है। अब भी निर्माण कार्य जारी है। इसके पीछे की वजह यह है कि आवासीय मुआवजा अधिक मिलता है।
सरकारी तंत्र की मिलीभगत
वही इस खबर को वायरल होने के बाद भी मकान के निर्माण रुकी नहीं है अभी भी लगातार निर्माण कराई जा रही है। हालांकि यह सब सरकारी तंत्र की मिलीभगत से किया गया है। यही वजह है कि ये निर्माण धड़ाधड़ किए जाते रहे और इनको रोका नहीं गया। उप विभागीय मजिस्ट्रेट सुरेश जाधा के मुताबिक अधिग्रहण के लिए भूमि का चिह्नांकन हो चुका है। इसके बाद कराए गए निर्माणों को भी सर्वे करके चिह्नित कराया गया है। ऐसे में उनको अवैध मानते हुए कार्रवाई की जाएगी, अधिक मुआवजा देने का प्रश्न ही नहीं है।
आवासीय श्रेणी में अधिक मुआवजे का है प्रविधान
दरअसल, जमीन अधिग्रहण नियमों के मुताबिक अधिग्रहण वाली भूमि पर यदि मकान बना होता है तो नियमानुसार, उसे आवासीय श्रेणी में मानते हुए पुनर्वास पैकेज में कृषि भूमि से बहुत अधिक मुआवजा दिए जाने का प्रविधान है। इसमें परिवार के एक सदस्य को नौकरी का भी प्रविधान किया जाता है। इस वजह से महज दो महीने में ही करीब दो हजार से अधिक निर्माण कराए जा चुके हैं।